छू मंतर


वहाँ मत जाओ - वहाँ भूत है । खाना नही खाओ गी तो - राक्षस पकड़ कर ले जाएगा । रात को जो बच्चे नही सोते उन्हें - पुलिस ले जाती हैं। किस किस तरह से सब ने मुझे बुद्धू बनाया , और आज मैं भी बच्चो को इस ही तरह से बेवकूफ बनाती हू । मुझे आज भी याद हैं , जब मैं हर रात एक चिट्टी लिख कर अपने घर की बालकनी मैं रखती थी । मेरा यह विश्वास था की परी आ कर वह चिट्टी ले जायेगी और मुझे जो भी चाहिए वो मेरे लिए रख जाएँगी। २४ दिसम्बर की रात मैं अपनी सारी सोक्क्स और स्तोक्किंग धो कर रस्सी से लटका देती थी । christamas के दिन उसमे एक डेरी मिल्क चोकोलेट , हेयर क्लिप, पेंसिल , शर्प्नेर और एक संता क्लाउस की लिखी चिट्टी पाती थी । उस चिट्टी मैं मुझे संता क्लाउस - एक अच्छी बच्ची बनने के लिए कहता , हर सुब्जेक्ट मैं आए मार्क्स के बारें में जिक्र होता , गणित में ध्यान देने को कहता । में यह सोच हर हेरान हो जाती की किस तरह संता क्लाउस मेरे बारें में इतना कुछ जानता हैं । पर chocolate का स्वाद इस प्रश्न को भुला देता। एक क्रिसमस की सुबह मेरी नींद अचानक खुल गई और मैंने मम्मी को मेरे सिरहाने बेंठ्कर चिट्टी लिखते देखा , तुरंत मैं समझ गई की मम्मी ही संता क्लाउस बन कर हर साल चिट्टी लिख्ती हैं। उस दिन से मैं बड़ी हो गई और जादू , परियों और संता क्लाउस की दुनिया से बाहर चली आयी .

Comments

ani_aset said…
wow honest post :)
hey how do you write in devanagari?

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